गर्भ में पल रही जुड़वां बेटियों पर डॉक्‍टर पिता ने कहा, गर्भपात कराओ

जयपुर: राजस्थान में एक घटना के घटना के तहत एक डाक्टर पति ने अपनी डाक्टर पत्नी के गर्भ में पल रही अपनी दो जुड़वाँ बेटियो की जानकारी लगी तो उन्होंने अपनी पत्नी पर गर्भपात कराने का दबाव बढ़ा दिया था, इस दौरान उन की पत्नी ने उनकी इस गैरकानूनी मांग को नहीं माना और अपनी दोनों जुड़वाँ बेटियों को जन्‍म दिया।

हालाँकि यह बात दस साल पुरानी है. परन्तु आज भी इसके लिए जयपुर की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्‍टर मीतू खुराना अपने पति के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रही है. आज दोनों ही जुड़वाँ बेटियां दस साल की हो गई है. जयपुर की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्‍टर मीतू खुराना ने कहा की दस साल पहले जब में सामान्‍य जांच के लिए अस्‍पताल गईं थीं, तो उनके पति डॉक्‍टर कमल खुराना ने उनकी अल्‍ट्रा साउंड जांच करवाई जिससे पता चला कि डॉक्‍टर मीतू के गर्भ में जुड़वां बेटियां पल रही हैं तो उन्होंने मुझे गर्भपात कराने का दबाव बनाया.

इसके लिए शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्‍टर मीतू खुराना ने अपने पति डॉक्‍टर कमल खुराना के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवाया लेकिन निचलती अदालत ने प्रकरण को खारिज कर दिया। निचली कोर्ट में अपने इस प्रकरण को ख़ारिज करने के बाद डॉक्‍टर मीतू खुराना ने इसके लिए हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। यह मुकदमा देश के हाइप्रोफाइल मुकदमों में शामिल हो चुका है। भारत में भ्रूण हत्‍याओं को रोकने के लिए 1990 में एक कानून में भी बनाया गया था, जिसके तहत गर्भ में पल रहे बच्‍चे का लिंग पता लगाना एक जघन्‍य अपराध माना गया है। बावजूद इसके देशभर में कन्‍या भ्रूण हत्‍या अब तक पूरी तरह से जड़ से समाप्त नही हो पाया है.

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्‍टर मीतू खुराना ने कहा है की तमाम सबूतों के बावजूद उनके पति को कसूरवार नहीं ठहराया जा रहा है, जिससे देश में गलत संदेश जा रहा है. तथा आगे कोई भी महिला इस प्रकार के मामलो के खिलाफ आवाज उठाने में भयभीत महसूस करेगी. इसी पर आधारित एक रिपोर्ट मेडिकल जर्नल लैंसेट में दावा किया गया है की साल 1980 से 2010 के बीच भारत में 12 मिलियन कन्‍या भ्रूण हत्‍याएं की गई हैं

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