उम्र भर रहते नहीं हैं

उम्र भर रहते नहीं हैं  संग में सबके उजाले हैसियत पहचानते हैं  जिन्दगी के दौर काले। तुम थके हो मानते हैं सफर है ये जिन्दगी का रोकता रस्ता न कोई प्यार का या बन्दगी का। है यहीं मुस्कान मन की हैं यहीं पर दर्द-छाले तुम हँसोगे तो ये अँधेरा दूर होता जाएगा तुम हँसोगे तो ये रास्ता भी गायेगा मुस्कुराएगा। बैठना मत मोड़ पर तुम हारकर अँधेरों से "प्राची" दीप हौसले का जलाकर तू कदम आगे बढ़ा ले। उम्र भर रहते नहीं हैं संग में सबके उजाले हैसियत पहचानते हैं जिन्दगी के दौर काले।

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