एक IIT प्रोफेसर, जिसने दी रूपए को नई पहचान

आपने अक्सर नोट्स पर रूपए का चिन्ह बना हुआ देखा होगा। सिक्कों पर भी इस चिन्ह को देखा होगा। यह कुछ इस तरह है जैसे हिंदी में र लिखा हो और उस पर एक आड़ी लकीर बना दी गई हो। मगर यह रूपए का मानक चिन्ह है। जिसे भारत सरकार ने स्वीकार किया है। इसी से रूपए की पहचान होती है। इस चिन्ह को देखकर आपको सहज ही प्रसन्नता का अनुभव होता होगा।

क्या आप जानते हैं यह चिन्ह डिज़ाईन किसने किया था। यदि नहीं तो आज हम आपको बता रहे हैं। इस डिज़ाईन करने वाले हैं, उदय कुमार धर्मलिंगम्। उदय कुमार आईआईटी गुवाहाटी में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। उनके द्वारा चिन्हित किया गया रूपए का चिन्ह पांच अन्तिम शार्ट लिस्ट में चयनित हुआ था। बाद में इसे स्वीकार किया गया। उनका जन्म 10 अक्टूबर 1978 को चेन्नई में हुआ।

आईआईटी मुंबई से वर्ष 2003 में उन्होंने आर्किट्रैक्चर में स्नातक उपाधि प्राप्त की। उन्होंने स्कूल आफ आर्किट्रेक्चर एंड प्लानिंग चेन्नई से बीआर्क की उपाधि प्राप्त की। फिर आईआईटी मुंबई से वर्ष 2010 में डाक्टोरेट की उपाधि प्राप्त की।उन्हें ग्राफिक डिजाइन के क्षेत्र में रूचि है।

अपनी अभिरूचि के कारण ही उन्होंने रूपए का लोगो डिजाइन किया। बाद में इसे मानक चिन्ह के तौर पर स्वीकार कर लिया गया। यह चिन्ह बेहद पसंद किया गया। कहा जाता है कि इसकी व्याख्या भारत के फहराते हुए राष्ट्रीय ध्वज पर आधारित है।

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