उड़ा ले गये वो दामन मेरा

पूछो इन गमों से, कहाँ उड़ा ले गये वो दामन मेरा? चंद थी खुशीयाँ, अब सूना आँचल मेरा। पूछो इस आँधीसे, क्या क़ुसूर था मेरा? महके थे कुछ फूल, अब सूना आँगन मेरा। पूछो काली रातसे, कब तक इसका बसेरा? तरसी है कलियाँ, कब होगा सवेरा?

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