तुम्हारा इशक तुम्हारी वफा ही काफी है तमाम उम्र यही आसरा ही काफी है,,,,,,,,,,,, जहाँ कहीं भी मिलो, मिल के मुस्कुरा देना खुशी के वास्ते ये सिलसिला ही काफी है,,,,,