तुम मेरे हो गये मैं तुम्हारा हुआ

मन से मन का ये संगम भी न्यारा हुआ! तुम मेरे हो गये मैं तुम्हारा हुआ!! .....मन से मन का ..... खिल उठी देह की पांखुरी पांखुरी! बज उठी प्रीत की मन में इक बॉसुरी!! मैं जमीं पर पडी धूल का फूल था, छू लिया तुमने जो मैं सितारा हुआ!! .......मन से मन ....... नेह की झील में डूब जायें चलों! ये निशा कह रही है कि फूलो फलो!! चॉद को लीजिये अपनी आगोश में, चॉदनी की नजर का इशारा हुआ!! .......मन से मन..... सावनी सी फुहारों का अहसास दो! उम्र भर त्रप्त करना मेरी प्यास को!! साथ लेकर मुझे बहती रहना सदा, तुम नदी हो गईं मैं किनारा हुआ!!

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