इश्क की मेरे, इंतिहा क्या है वजूद की मेरे, वजह क्या है तलाश जिसकी रही, उम्रभर वो मेरी इक, ज़ुस्तजु क्या है जी रहा हूँ यूँ ही, सफर जारी है ये ख्वाब सा, सिलसिला क्या है तेरी शिकायत पर,तेरी गली छोड़ी अब इस उदासी का, सबब क्या है आवारगी मेरी, तन्हाई पर हावी है इतना खुश रहने का, राज क्या है वो अश्क हूँ, जो छलक न सका तुम क्या समझोगे,नाकामी क्या है जो चेहरा खो दिया,वक्त की रेत में यादो में उसकी, अब ढूँढता क्या है तूफाँ से बेहतर है,तँवर की परवाज चल पड़े तो साहिल,समन्दर क्या है