सुना है दर पे उसके मिल जाता है सब कुछ तो। मेरी मानों तो तुम भी फरियाद कर देखो। मेरे अल्फाज् जो गिरवी पड़े है पास जो तेरे। मुक्कमल गीत बन सकता है उन्हें आजाद कर देखो