तुम आओ तो आँखें खोलें

रात भी है कुछ भीगी-भीगी चाँद भी है कुछ मद्धम-मद्धम तुम आओ तो आँखें खोलें सोई हुई पायल की छम-छम किसको बताएं कैसे बताएं आज अजब है दिल का आलम चैन भी है कुछ हल्का-हल्का दर्द भी है कुछ मद्धम-मद्धम तपते दिल पर यूँ गिरती है तेरी नजर से प्यार की शबनम जलते हुए जंगल पर जैसे बरखा बरसे रुक-रुक थम-थम होश में थोड़ी बेहोशी है बेहोशी में होश है कम-कम तुमको पाने की कोशिश में "प्राची" दोनों जहाँ से खो गए हम चैन भी है कुछ हल्का-हल्का दर्द भी है कुछ मद्धम-मद्धम।।

Related News