मुंबई : करीब एक महीने से रोका जा रहा महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने बुधवार सुबह मुंबई की हाजी अली दरगाह में प्रवेश किया। उनके दरगाह में प्रवेश करते ही पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच विवाद हो गया। बढ़ता विवाद देख दरगाह को दिनभर के लिए बंद कर दिया गया है। बुधवार सुबह 6 बजे तृप्ति अपनी भूमाता ब्रिगेड की एक्टिविस्ट्स के साथ दरगाह स्थल पर आई। उन्हें दरगाह के अन्दर प्रवेश करने से पहले ही रोक दिया गया। लिहाजा, उन्होंने भी अंदर जाने की कोशिश नहीं की। आपको बता दें कि इस मुस्लिम तीर्थ स्थलों में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। जब तृप्ति वहां पहुंचीं, उनके साथ कई पुलिसवाले और कार्यकर्ता थे। इस दौरान तृप्ति ने कहा कि उम्मीद करती हूं कि किसी दिन दरगाह के अंदरूनी हिस्से तक भी महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति मिलेगी। तृप्ति का दावा है कि 2011 से पहले इस दरगाह में महिलाओं को प्रवेश की इजाजत होती थी। उन्होंने कहा, मैं दरगाह के अंदरूनी हिस्से तक अगली बार जरूर जाऊंगी। यह महिलाओं के लिए बराबरी के हक की लड़ाई है। बता दे कि हाजी अली दरगाह में प्रवेश के खिलाफ तृप्ति को धमकियां भी मिली थी। तृप्ति देसाई ने 28 अप्रैल को भी दरगाह में प्रवेश करने का प्रयास किया था लेकिन तब स्थानीय लोगों ने उनका जमकर विरोध किया था। वहीं, एआईएमआईएम के एक नेता ने धमकी दी थी कि अगर तृप्ति दरगाह में जाने की कोशिश करती हैं तो उन पर काली स्याही फेंकी जाएगी। शिवसेना के नेता हाजी अराफात शेख ने कहा था कि अगर वे दरगाह में जती हैं तो वे उन पर चप्पल से हमला करेंगे। जानकारी दे कि हाल ही में शनि शिंगणापुर मंदिर के चबूतरे तक महिलाओं के प्रवेश के लिए तृप्ति ने अभियान चलाया था तभी से वह सुर्खियों में है।