जाने वो कौन सा देश जहाँ तुम चले गए....

वैसे तो हम सभी के ढेरों सपने है लेकिन उन सपनों में एक मंज़िल ऐसी है जो शायद हम सबके लिए एक ही है. हम पूरी ज़िंदगी बस मौत के लिए जीते चले जाते है, लेकिन इन सबके बीच ज़िंदगी की इन राहों में कुछ लोग ऐसे मिल जाते है जो कहीं-न-कहीं दिल भीतर एक गहरी छाप छोड़ देते है, और फिर अचानक से वक़्त-बे-वक़्त वो हम सबको छोड़ अपनी मंज़िल की ओर बढ़ जाते है.  कुछ ऐसे ही थे मुकुल नीम जिनकी यादें आज भी ज़हन में वैसी ही बसी है जैसे वो छोड़कर गए थे. आप हमेशा ऐसे ही हमारे दिलों में बरसों तक रहेंगे आपकी यादों के साथ न्यूज़ ट्रैक लाइव परिवार की तरफ से आपको दिल से श्रद्धांजलि......
 
रुख़्सत हुआ तो बात मिरी मान कर गया 
जो उस के पास था वो मुझे दान कर गया 
 
बिछड़ा कुछ इस अदा से कि रुत ही बदल गई 
इक शख़्स सारे शहर को वीरान कर गया 
 
दिलचस्प वाक़िआ है कि कल इक अज़ीज़ दोस्त 
अपने मफ़ाद पर मुझे क़ुर्बान कर गया 
 
कितनी सुधर गई है जुदाई में ज़िंदगी 
हाँ वो जफ़ा से मुझ पे तो एहसान कर गया 
 
'ख़ालिद' मैं बात बात पे कहता था जिस को जान 
वो शख़्स आख़िरश मुझे बे-जान कर गया 
 
-ख़ालिद शरीफ़....

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