ट्रैन हादसे में मुआवजा राशि 4 लाख हो: हाई कोर्ट

नई दिल्ली: कल दिल्ली हाई कोर्ट ने जनहित याचिका का निपटारा यहाँ कहा कर, कर दिया की 18 साल बाद मृत और अक्षम हुए यात्रियों को मुआवजा बढ़ने पर विचार होना चाहिए. 1997 के बाद से मुआवजा राशि 2.5 लाख से नहीं बढ़ाई गई है.

अधिवक्ता सेतु निकेतन की याचिका पर कोर्ट ने कहा की मरने वाले कई लोग परिवार के अकेले ही कमाने वाले व्यक्ति थे. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड के अनुसार हर साल 1.25 लाख हादसे होते है. रेलवे हादसे में मुआवजा राशि अभी भी 2.5 लाख तय है जब की रोड हादसे में मरने पर मुआवजा राशि की कोई सीमा नहीं है. 

कार्यवाही पूरी होने पर अदालत केंद्र सरकार को मुआवजा राशि बढ़ाने का आदेश दे सकती है. रेलवे नियम के अनुसार रेलवे मृत्यु / चोट के लिए मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं. अप्रिय घटना में यात्री और प्लेटफार्म टिकट धारक के लिए अधिनियम की धारा 124-A के तहत परिभाषित किया गया है की आतंकवादी, हिंसक कृत्यों, लूटपाट, डकैती, दंगा, ट्रेन में या परिसर में या बाहर किसी भी व्यक्ति द्वारा आगजनी, गोली मार देने की घटनाओ में रेलवे मुआवजा देगा.  

Related News