कॉल ड्रॉप में ट्राई ने माँगा जेल भेजने का अधिकार

नई दिल्ली : भारतीय दूर संचार नियामक आयोग (ट्राई ) ने कॉल ड्रॉप पर नकेल कसने के लिए सरकार से और अधिकार दिए जाने की मांग की है. ट्राई ने सरकार से नियमों में संशोधन कर नियामकीय व्यवस्थाओं के उल्लंघन पर मोबाइल आपरेटरों पर 10 करोड़ रु. तक का जुर्माना और कम्पनियों के कार्यकारियों को दो साल तक जेल भेजने का अधिकार दिए जाने की अपील की

ट्राई ने ट्राई कानून 1997 के कानून में संशोधन करने का सुझाव दिया है, ताकि क्षेत्र को एक प्रभावी नियामक मिल सके. ट्राई ने कहा कि यदि सेवा प्रदाता कानून, नियम, सेवा शर्तों के अलावा आदेश/निर्देश का उल्लंघन करता है तो उस पर 10 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाया जाना चाहिए. याद दिल दें कॉल ड्रॉप पर ट्राई ने उपभोक्ताओं को प्रति कॉल एक रुपया और एक दिन में अधिकतम 3 रुपए तक जुर्माना देने का आदेश दिया था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था.

फ़िलहाल ट्राई के पास किसी उल्लंघन पर दो लाख रुपए तक का जुर्माना लगाने का अधिकार है. यदि उल्लंघन जारी रहता है तो दो लाख का जुर्माना और लगा सकता है. यहां एक खास बात बताना जरुरी है कि फिलहाल उपभोक्ता और दूर संचार आपरेटर का विवाद उपभोक्ता अदालत में नहीं जाता है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने 2009 के एक फैसले में उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत ऐसी किसी राहत पर रोक लगाई गई है.

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