जीवन की क्या परंपराएं हैं, संबंधों का निर्वहन कैसे किया जाता है, ये महाभारत से सिखा जा सकता है. गीता हमें करना सिखाती है. रामायण जीना सिखाती है और भागवत हमें मरना सिखाती है. हम लोग सामाजिक प्राणी हैं.इसलिए नियम, कायदे और संविधान से जीना हमारा फर्ज है. पाण्डव कौरवों से जुएं में हार गए. पहली बात तो यह है कि जुआ खेलना ही गलत था. गलत काम के सही परिणाम हो ही नहीं सकते.दूसरी बात हारने पर उन्हें वनवास जाना था और जंगल से लौटने पर कौरव पाण्डवों को उनका राज्य लौटाने वाले थे, लेकिन कौरवों की ओर से दुर्योधन ने साफ कह दिया कि सूई की नोंक से नापा जा सके इतना धरती का टुकड़ा भी नहीं दूंगा और इस एक जिद ने महाभारत जैसा युद्ध करवा दिया। हम समाज, परिवार में रहते हैं, किए हुए वादे को निभाना हमारा फर्ज है. जुबान दी है तो बात पूरी तरह निभाई जाए.