नक्कारखाने मे उठी एक तूती की आवाज हूँ मै जिसको पाया न समझ कोई वही अंदाज हूँ मै हर जगह हर सख्श ने मुझको पढा मानिन्द खबर चाह के भी छिप न पाया जो वही बस राज हूँ मै