हिंदी सिनेमा के युग पुरुष थे पृथ्वीराज कपूर

भारतीय सिनेमा के युग पुरुष कहे जाने वाले पृथ्वीराज चौहान आज ही के दिन यानि 3 नवंबर 1901 को ल्यालपुर, (अब पंजाब, पाकिस्तान) में जन्मे थे. फिर अपने पुरे परिवार के साथ वे 1928 में मुंबई आ गये और यहाँ आकर उन्होंने इम्पीरियल फिल्म कपंनी को ज्वाइन कर लिया था. उनकी पहली फिल्म सिनेमा गर्ल 1929 में रिलीज हुई थी. लेकिन पृथ्वीराज को भारत की पहली बोलती फिल्म 'आलम आरा' के लिए जाना जाता है. हलाकि फिल्म में उनका सपोर्टिंग रोल था.

लेकिन फिल्म में भी वे अपनी रोबदार आवाज से सबका ध्यान खीचने में कामयाब हुए. 1940 में प्रदर्शित फिल्म 'पागल' में एंटी हीरो की भूमिका निभाने वाले पृथ्वीराज कपूर ने 1944 में अपनी थिएटर कंपनी 'पृथ्वी थिएटर' की शुरुआत की. अपने करियर के सोलह साल में पृथ्वी थिएटर में 2662 शो हुए जिनमें पृथ्वीराज कपूर ने लगभग सभी में मुख्य भूमिका निभाई. अपने फिल्मो में अपने आवाज और किरदार में खो जाने वाले पृथ्वी राज कपूर को अपने थिएटर से इतना प्यार था की वे बीमार होने के बावजूद भी इसके हर शो में हिस्सा लेते थे.

इस थिएटर के द्वारा उन्होंने कई प्रतिभाओ को मौका दिया. उनके द्वारा फिल्म मुगलेआजम में निभाया गया अकबर का किरदार आज भी दर्शको के जहाँ में बसा हुआ है. फिल्म इंडस्ट्री में अपने अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें पदम भूषण और दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया. 29 मई 1972 को हिंदी सिनेमा के इस युग परुष ने दुनिया को अलविदा कह दिया.

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