अमलतास से होगा कुष्ट रोग का इलाज

अमलतास को हम बहुत सारे नामो से जानते है. आरववध, सुवर्णक, राजद्रमा आदि अमलतास अपने पीले रंग के फूलो के लिए प्रसिद्द है. इसके तने का रंग भी कुछ पिला सा होता है और इसकी फलिया लंबी तथा मोटी है. इसके फूल गुछो की तरह होते है. अमलतास एक स्वादिष्ट फल  होता है. और इसमें कई तरह के बीमारियों से लड़ने के गुण होते है.

अमलतास को अच्छी तरह कुचलकर लुगदी बना कर वहां लगाए जहा आपको दाद खाज खुजली की समस्या हो, तुरंत असर दिखाई देगा.

अमलतास की जड़ को दूध में मिला कर पिने से गले के रोगों में आराम मिलता है.

अमलतास  के फूल को गुलकंद मिलाकर पिने से गले के रोगों में आराम मिलता है.

अमलतास  के बीजो की गिरी को पानी में घिस कर नाभि के आसपास लेप लगाने से बच्चो के पेट दर्द में आराम मिलता है

अमलतास के पत्तो को पीस कर सिरका मिला कर कुष्ठ रोगों के ज़ख्मो पर लगाने से आराम मिलता है.

अमलतास की कुछ पत्तयों से बना लेप कुष्ठ का नाश करता है. अमलतास की जड़ का लेप कुष्ठ के कारन हुई विकृत त्वचा को हटा कर ज़ख्म वाले स्थान को ठीक कर देता है.

फोड़े फुंसिया होने पर अमलतास  के पत्तो को घी के साथ पीस कर लगाने से फोड़े फुंसी ठीक हो जाते है.

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