चीन में लगाम लगाने के लिए भारत और अमेरिका हो सकते हैं एक साथ

नई दिल्ली: भारत और अमेरिका अब एक साथ मिलकर चीन पर लगाम लगायेंगे क्यूंकि भारत और अमेरिका प्रिंसिपल ऑफ मिलिट्री लॉजिस्टिक की शेयरिंग को लेकर होने वाले अहम समझौते के बहुत ही करीब पहुँच चुके हैं. यूएस डिफेंस सेक्रेटरी एश्टन कार्टर ने मंगलवार को कहा कि समुद्री क्षेत्र में चीन के बढ़ते हुए हस्तक्षेप के लिए ये समझौता आवश्यक हैं. इस समझौते के अंतर्गत दोनों देश मिलिट्री सर्विसेस के लिए एक दूसरे की जमीन, एयर और नेवल बेस का यूज कर सकते हैं.

ये समझौता इसलिए भी सरकार को जरूरी लग रहा हैं क्योंकि ख़बरों के अनुसार सरकार को अंदेशा हैं कि चीन भी अब पाकिस्तान का सहयोगी बन चुका हैं. इस समझौते को लेकर कार्टर ने कहा, 'इससे पहले नई दिल्ली को इस बात की चिंता थी कि इस समझौते से उसकी ऑटोनॉमी इफेक्टेड होगी. लेकिन इन चिंताओं को दूर कर लिया गया है.' और बहुत ही जल्द इस समझौते को फाइनल कर लिया जायेगा. इंडियन ओशिन और साउथ चाइना सी में बढ़ रही चीन की सक्रियता को देखते हुए मोदी सरकार नें भी इस समझौते को पॉजिटिव रिस्पांस दिया हैं.

खबरों की माने तो भारत और अमेरिका दोनों ही इस समझौते के लिए तैयार हैं. इस समझौते के तहत दोनों देशों की मिलिट्री एक दूसरे की लैंड, एयर और नेवल बेस का सप्लाई, रिपेयर और रेस्ट के लिए यूज कर सकते हैं. भारत वर्ल्ड का एक बड़ा आर्म्स इंपोर्टर है. और वह देश में ही सॉफेस्टिकेटेड वैपन बनाना चाहता है. इस समझौते से भारत को इस चीज में  हेल्प मिलेगी. किन्तु अभी समझौता हुआ नही हैं. केवल बांते चल रही हैं क्यूंकि इस समझौते के होने से भारत को अपनी ट्रेशिनल ऑटोनॉमी खत्म होने की चिंता हैं.

Related News