कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मोबाइल-इंटरनेट को बंद किया जा सकता है

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए मोबाइल और इंटरनेट को बंद किया जा सकता है। कोर्ट ने गुजरात सरकार के विरोध में दायर की गई एक याचिका को खारिज कर दिया. उच्चतम न्यायलय उस मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें गुजरात सरकार ने पाटीदार आंदोलन या पटेल समाज के लिए आरक्षण की मांग के लिए चलाए गए आंदोलन के दौरान कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए मोबाइल सेवा और इंटरनेट की सेवा को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया था। कोर्ट ने गुजरात सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए यह माना कि दंगे के दौरान इसका गलत इस्तेमाल हो सकता है।

गुजरात में पटेल आंदोलन के दौरान राज्य में 10 दिनों के लिए मोबाइल और इंटरनेट सेवा को ठप किया गया था। कोर्ट का यह फैसला उस सानिध्य में हो सकता है कि आज कल दंगे के दौरान सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाई जाती है। इससे राज्य का माहौल और अधिक खराब हो जाता है।

याचिका में कहा गया था कि गुजरात सरकार ने गैरकानूनी तरीके से मोबाइल इंटरनेट पर धारा 144 के तहत बैन लगाया था। हालांकि इससे पहले गुजरात हाईकोर्ट ने भी याचिका को खारिज कर दिया था।

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