ठोकर लगने से टूट जाया करती है

परिंदों को नही दी जाती तालीम उड़ानों की, वो खुद ही तय करते है मंजिल आसमानों की.! रखता है जो होसला आसमान को छूने का.! उसको नही होती परवाह गिर जाने की.!" "दुनिया की हर चीज़ ठोकर लगने से टूट जाया करती है... एक " कामयाबी ही है जो ठोकर खा के ही मिलती है...!!"

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