आपके जीवन के यह कार्य आपके लिए असहनीय पीड़ा का कारण हो सकते है

सभी व्यक्तियों की कुंडली में ग्रहों का प्रभाव होता है जो अलग-अलग भाव में विराजमान रहते है जिनमे राहु-केतु भी अपनी भूमिका मुख्य रूप से निभाते है जब किसी व्यक्ति की कुंडली के सभी ग्रह राहु-केतु के मध्य एक सीध में आते है तो काल सर्प योग का निर्माण होता है जो व्यक्ति के लिए असहनीय पीड़ा का कारण बनता है लेकिन इनमे से कुछ व्यक्ति जिनकी कुंडली में कालसर्प योग होता है वह समृद्धि भी प्राप्त करते है और अपना जीवन आनंद के साथ व्यतीत करते है.

जब राहु-केतु प्रसन्न होते है – यदि किसी व्यक्ति पर राहु-केतु प्रसन्न हो जाते है तो उसे जीवन के सभी सुखों का लाभ होता है किन्तु यदि क्रोधित हो जाते है तो कालसर्प योग की पीड़ा का सामना भी करना पड़ता है जो कि मृत्यु के समान होती है.

शास्त्रों के अनुसार – शास्त्रों में कहा गया है की जो व्यक्ति अपने माता-पिता की सेवा पूरी निष्ठा के साथ करता है उन व्यक्तियों के लिए कालसर्प योग अनुकूल होता है और जो अपने माता-पिता को दुःख देता है उनके लिए यह कष्टदायक सिद्ध होता है इसे दूर करने के लिए व्यक्ति को भगवान् शिव की आराधना करना चाहिए और इनकी शांति पूजा करवाना भी आवश्यक है.

अगले जन्म के काल सर्प योग – जो व्यक्ति अपने पर आश्रित माता-पिता भाई-बहन आदि का सम्मान न करके उन्हें दुःख देता है और मानसिक रूप से परेशान करता है उस व्यक्ति को अपने अगले जन्म में कालसर्प योग के प्रभाव को झेलना पड़ता है. इसलिए सभी व्यक्ति को अपने माता-पिता का दिल कभी नहीं दुखाना चाहिए.

 

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