ज्योतिष मान्यताओं के मुताबिक घर कितना भी अच्छा हो अगर उसमे वास्तु दोष है तो फिर वह रहने लायक नहीं रह जाता है. वहीँ अगर कुछ छोटी बातों का ख्याल रखा जाए तो इससे बचा जा सकता है. परिवार के मुखिया और उनकी पत्नी का बेडरूम दक्षिण-पश्चिम, या फिर पश्चिम-दक्षिण में हो. रसोई घर भी दक्षिण-पूर्व या फिर उत्तर-पश्चिम की ओर होना चाहिए रसोई घर को अगर वास्तु के हिसाब से बनाया जाए तो भोजन स्वादिष्ट और लोगों की सेहत भी बनी रहती है. पूजा घर और स्टडी रूम उत्तर पूर्व की ओर हो. घर के अंदर टॉयलेट नहीं होनी चाहिए. लेकिन मज़बूरी में बनाना पड़े तो उत्तर-पश्चिम दिशा में बनवाएं. सीढ़ियां दक्षिण-पश्चिम में बनी हों. घर पुराने मलबे से न बनवाएं. इसमें नाकारात्मक ऊर्जा रहती है. घर का मुँह, उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व की ओर होना चाहिए. हैंडपंप और वाटरटैंक उत्तर-पूर्व की ओर होना चाहिए. बिजली का मुख्य कनेक्शन, इनवर्टर या जनरेटर दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम में होने चाहिए. प्लॉट की खुदाई उत्तर-पूर्व से और भरे दक्षिण-पूर्व से करें. दक्षिण-पश्चिम का कोना ९० डिग्री का होना चाहिए. माकन बनाने के बाद वास्तु पूजा या वास्तु शांति पूजा जरूर कराएं.