सप्ताह का यह खास स्नान, शनिदोष को हमेशा के लिए शांत करता है

शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है, और इसी वजह से कोई भी व्यक्ति इन्हे नाराज नहीं करना चाहता। क्योंकि इनकी नाराजगी इंसान की किस्मत पर ताला लगा देती है। उसके हर काम बिगड़ने लगते हैं, उसका हर कार्य सफल नहीं होता। बस यही कारण है, जिस वजह से इंसान शनिदेव की क्रूर दृष्टि से बचना चाहता है और उन्हे हमेेशा खुश रखना चाहता हैं। लेकिन कभी-कभी हम अंजाने में ही कुछ कार्य ऐसे कर जाते हैं जिसकी वजह से शनिदेव हमशे नाराज हो जाते है और हमारे सारे काम बिगड़ने लगते हैं। अगर आप भी अपनी कुछ ऐसी ही समस्या से परेशान हैं, तो अपनी इन्ही गलतियों को सुधारने के लिए या शनि दोष को शांत करने के लिए एक स्नान होता है, जिसे करने के बाद शनिदेव की क्रूरदृष्टि आप से हट जाएगी और कृपा दृष्टि बनी रहेगी। तो चलिए जानते हैं शनिदोष को दूर करने का आखिर वह खास स्नान क्या हैं?

शनि दोष शांति के लिए विशेष स्नान सप्ताह में एक बार किया जा सकता है। इसके लिए स्नान के एक दिन पहले रात को साफ पानी में काले तिल, काली उड़द, लौंग, नीले लाजवंती के फूल और शतपुष्पी व लोधरे के फूल, जिनकी जड़ी बूटियां भी होती हैं, को भिगोने के लिए रखें। अगले दिन सुबह उठकर इस पानी को छानकर शुद्ध जल में मिलाकर शनि के इन सरल मंत्रों में से एक को बोल और फिर जल को अभिमंत्रित कर स्नान करें।   ऊँ शं शनैश्चराय नम:

 

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