ये अफीम नहीं गंगाजल है : आसाराम

जोधपुर : नाबालिग छात्रा के यौन शोषण के आरोपों से घिरे प्रवचनकार और संत आसाराम बापू एक बार फिर न्यायालय में पेश किए गए। पेशी पर जाते समय उन्होंने मीडिया के सामने एक बाॅटल प्रदर्शित की। इस बाॅटल की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि देखो इसमें क्या मिलता है। उन्होंने कहा कि यह जेल है, जेल से तो सबकुछ मिलता है।

इस बोतल में अफीम का दूध है। मगर कुछ ही देर में उन्होंने मीडियाकर्मियों को असलियत न बताने और बाॅटल में गंगाजल होने की बात कही। लगता है आसाराम जेल में जाने के बाद कुछ बदल गए हैं या फिर अपने उपर होने वाली कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए खुद को मानसिक तौर पर कमजोर बताने में लगे हुए हैं। जब आसाराम को कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाया जा रहा था तो वे अचानक पुलिस वैन से निकलकर मीडिया के सामने बोतल दिखाते हुए बोलने लगे कि इस बोतल में आखिर क्या है।

इसमें अफीम का दूध है फिर कहने लगे नहीं गंगा जल है। इससे मीडियाकर्मियों समेत दूसरे लोगों को समझ नहीं आया कि आखिर आसाराम कहना क्या चाह रहे हैं। फिर वे यह कह कर वापस चले गए कि जेल में सबकुछ ठीक है हरि ओम। मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम मामले की सुनवाई की । न्यायालय ने आसाराम की निगरानी चाचिका को खारिज कर दिया।

कोर्ट ने आदेश दिया कि दुराचार के मामले में पीडि़ता की दसवीं की जिस अंकतालिका की आवश्यकता थी उसकी अब आवश्यकता नहीं है। क्योंकि सब इंस्पेक्टर मुक्ता पारीक की गवाही इस मामले में दी जा चुकी है। अभ्यिोजन अंकतालिका को रिकाॅर्ड पर ले लेना चाहता है। मगर इसे रिकाॅर्ड के तौर पर लेना अब जरूरी नहीं है। न्यायमूर्ति बनवारीलाल शर्मा ने मामले में निगरानी याचिका को गैर जरूरी करार देकर याचिका खारिज कर दी।

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