श्रेष्ठ मोती की यह है विशेषताएं

मोती को शांति का प्रतीक माना जाता है तथा ज्योतिषीय सलाह से ही मोती रत्न को चांदी की अंगूठी में धारण करना चाहिए। मोती को न केवल ज्योतिष शास्त्र में बल्कि भारतीय साहित्य में भी विशिष्टि स्थान प्राप्त है। आजकल बाजारों में नकली मोती भी मिलते है, इसलिए इनकी खरीदी में सावधानी बरतना चाहिए। यदि नकली या दोषपूर्ण मोती धारण कर लिया जाए तो इसका प्रभाव अशुभ हो सकता है। इसलिए मोती खरीदते समय शुद्धता, वास्तविकता और निर्दोषता को अच्छी तरह से जांच ले।

यह होती है विशेषताएं-

-जो मोती अधिक भारी हो, उसे धन मुक्तक कहते है, जबकि रश्मि पूंज उत्पन्न करने वाले मोती को सुतार कहा जाता है। रेखाओं से रहित मोती को अस्फुटित कहते है जबकि पूर्णतया गोल मोती को सुवृत्त कहा जाता है। चिकने मोती को स्निग्ध मोती व और जिस मोती की छाया स्पष्ट रूप से दिखाई दे उसे सुधा मोती के रूप में माना जाता है।

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