गुरूवार को जो स्त्री पुरूष व्रत करें उनको चाहिए कि वह दिन में एक ही समय भोजन करें क्योकि बृहस्पतेश्वर भगवान का इस दिन पूजन होता है भोजन पीले चने की दाल आदि का करें परन्तु नमक नहीं खावें और पीले वस्त्र पहनें, पीले ही फलों का प्रयोग करें, पीले चन्दन से पूजन करें, पूजन के बाद प्रेमपूर्वक बृहस्पति महाराज की कथा सुननी चाहिए। इस व्रत को करने से मन की इच्छाएं पूरी होती है। और बृहस्पति महाराज प्रसन्न होते हैं। तथा धन, पुत्र विद्या तथा मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है। परिवार को सुख शान्ति मिलती है, इसलिए यह व्रत सर्वश्रेष्ठ और अति फलदायक, सब स्त्री व पुरूषों के लिए है। इस व्रत में केले का पूजन करना चाहिए। कथा और पूजन के समय तन, मन, क्रम, वचन से शुध्द होकर जो इच्छा हो बृहस्पतिदेव की प्रर्थना करनी चाहिए। उनकी इच्छाओं को बृहस्पतिदेव अवश्य पूर्ण करते हैं। ऐसा मन में दृढ़ विश्वास रखना चाहिए।