यह हर्बल ओषधियाँ है कई बीमारियों की दवा

यह हर्बल औषधियों है कई सारी बीमारियों की दवा आयुर्वेद में ऐसी अनेक औषधियां हैं जो हमारे स्वास्थ के लिए बहुत ही लाभदायक है, इन औषधियों से अनेको घातक बिमारियों की समस्याओ से छुटकारा पाया जा सकता है:

1.अडूसा : जो खांसी और जुकाम के लिए है लाभप्रद.

विधि : अडूसा के 4-5 पत्तों को तुलसी के कुछ पत्तों, गिलोय के छोटे टुकड़े व लेमनग्रास के पत्तों के साथ कूटकर एक गिलास पानी में उबाल लें, जब यह मात्रा आधी रह जाए तो छानकर सुबह और शाम पिएं.

2.गिलोय : गिलोय से हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. डेंगू व स्वाइन फ्लू जैसे मौसमी रोगों, डायबिटीज, घुटनों में दर्द, मोटापा और खुजली जैसी अनेक खतरनाक बीमारियों की समस्या में भी आराम पहुंचाती है.

विधि : इसके तने का 4-5 इंच का टुकड़ा लेकर कूट लें और एक गिलास पानी में उबालें. पानी की मात्रा आधी रहने पर छानकर पीने से लाभ होगा।

3.ग्वारपाठा : त्वचा व बालों संबंधी विकारो के लिए लाभप्रद.

विधि : जलने पर जैल की तरह लगाने से फफोले नहीं पड़ते. चेहरे पर इसका गूदा लगाने से मुंहासे दूर होते हैं. इसके गूदे में नींबू का रस मिलाकर बालों पर लगाएं. एक घंटे बाद सिर धोने से रूसी की समस्या दूर होकर बाल मजबूत होते हैं.

4.पत्थरचट्टा : पेशाब में जलन, गुर्दे की पथरी के लिए बहुत ही लाभकारी.

विधि : 4-5 पत्तों को पीसकर एक गिलास पानी में मिलाकर सुबह-शाम पीने से लाभ होगा.

5.हरशृंगार : गठिया में फायदेमंद.

विधि : फूलों व पत्तियों का काढ़ा बनाकर पिएं.

6.सतावरी : महिला रोगों, खून की कमी व ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं के लिए उपयोगी.

विधि : इसकी जड़ को काटकर कूट लें. जड़ के एक चम्मच रस को शहद के साथ लें.

7.अमरबेल वनौषधि : यह औषधि त्वचा, रक्त विकार और लिवर के रोगों की समस्याओ को दूर करने के लिए लाभदायक है. अमरबेल को पीसकर इसके लेप को खुजली वाले स्थान पर लगाने से आराम मिलता है। दिन में तीन बार इसका काढ़ा शहद के साथ बराबर मात्रा में इस्तेमाल करने से रक्त विकार दूर होते हैं. लिवर की सिकुडऩ को दूर करने में अमरबेल का काढ़ा 20-25 मिलिग्राम दिन में 2 बार कुछ हफ्तों तक पीना चाहिए. करीब 25 ग्राम अमरबेल को गाय के दूध से बनी छाछ के साथ पीसकर दिन में दो बार खाली पेट तीन दिन तक लेने से पीलिया रोग में आराम मिलता है.

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