दीवार का ये रंग, नकारात्मक ऊर्जा का असर करता है बेअसर

वास्तुशास्त्र वह माध्यम है, जो मानव की कई सारी समस्याओं का समाधान करता है। बस इसके लिए जरूरी है कि आप वास्तु के नियम को अपनाएं। आमतौर पर हर घर में कोई न कोई परेशानी निरंतर बनी ही रहती हैं, जिनमें हर समस्या का समाधान वास्तु के मुताबिक किया जा सकता है। आज हम आपसे वास्तु के कुछ ऐसे ही उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपके घर की रौनक तो बढ़ाएगा ही साथ ही घर में फैली नकारात्मक ऊर्जा को भी खत्म करेगा। जी हां दरअसल हम बात कर रहे हैं, घर की दिवारों के रंग की, इन रंगो के माध्यम से आप अपने घर मे पल रही मुसीबतो को खत्म कर सकते हैं और साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का विस्तार भी कर सकते हैं, तो चलिए जानते हैं घर कि दिवारों पर कौन सा रंग हमारे लिये फलदायी हो सकता है।

भवन में उत्तर का भाग जल तत्व का माना जाता है। इसे धन यानी लक्ष्मी का स्थान भी कहा जाता है। अत: इस स्थान को अत्यंत पवित्र व स्वच्छ रखना चाहिए और इसकी साज-सजा में हरे रंग का प्रयोग किया जाना चाहिए।

उत्तर-पूर्वी कक्ष, जिसे घर का सबसे पवित्र कक्ष माना जाता है, में सफेद या बैंगनी रंग का प्रयोग करना चाहिए। इसमें अन्य गाढ़े रंगों का प्रयोग बिलकुल न करें।

उत्तर-पश्चिम कक्ष के लिए सफेद रंग को छोड़कर कोई भी रंग चुन सकते हैं। 

दक्षिण-पूर्वी कक्ष में पीले या नारंगी रंग का प्रयोग करना चाहिए, जबकि दक्षिण-पश्चिम कक्ष में भूरे, ऑफ व्हाइट या भूरा या पीला मिश्रित रंग प्रयोग करना चाहिए।

यदि बेड दक्षिण-पूर्वी दिशा में हो, तो कमरे में हरे रंग का प्रयोग करें।

अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए आपको अपने कमरे की उत्तरी दीवार पर हरा रंग करवाना चाहिए।  आसमानी रंग जल तत्व को इंगित करता है। घर की उत्तरी दीवार को इस रंग से रंगवाना चाहिए।

 

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