पान का ये उपाय आपके व्यापार को शिखर पर पहुंचाता है

हमारे समाज में पान का उपयोग कई प्रकार से किया जाता है धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो पान पूजा सामग्री में विशेष स्थान रखता है तथा हिन्दू पूजा में पान का उपयोग भगवान् के नमन के लिए किया जाता है. स्कन्द पुराण में कहा गया है कि समुद्र मंथन के समय भी पान का उपयोग किया गया था इसी कारण से पान का उपयोग पूजा व सभी शुभ कार्यो में किया जाता है. पान की कई और विशेषता भी है आइये आगे जानते है.

व्यापार में उन्नति 

यदि आप व्यापारी है और आपकी दूकान में मंदी की स्थिति चल रही है तो शनिवार की सुबह पीपल के पांच पत्ते और 8 पान के डंडी वाले पत्तों को एक धागे में गुथकर अपनी दुकान या व्यापारिक स्थल की पूर्व दिशा में बाँध देने से आपके दुकान या व्यापार की आय में बढ़ोतरी होती है. किन्तु इस क्रिया को पांच शनिवार करना अनिवार्य है इसके पश्चात उन बांधे हुए पत्तों को खोलकर किसी नदी या कुँए में प्रवाहित कर देना चाहिए. 

पान के बीड़े का महत्व  यदि कोई व्यक्ति मंगलवार या शनिवार के दिन पान का बीड़ा बनाकर हनुमान जी को अर्पित करता है तो हनुमान जी आपकी सभी मनोकामना की पूर्ती करते है और यदि यह कार्य हनुमान जयंती के दिन किया जाता है तो इसका प्रभाव जल्दी होता है. 

पान के दान का महत्व 

हमारे शास्त्रों की भाषा में पान को ताम्बूल के नाम से जाना जाता है. यदि कोई व्यक्ति पान का दान करता है तो उसे उसके सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है. 

नजर दोष दूर करने के लिए

पान को धार्मिक द्रष्टि से बहुत पवित्र माना गया है यह नकारात्मक ऊर्जा का नाश करता है और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि करता है. यदि किसी व्यक्ति को नजर दोष होता है तो उसे पान के एक पत्ते में गुलाब की सात पंखुड़िया रखकर खिलाने से नजर दोष समाप्त होता है.

 

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