इन मामलों में मोदी और मनमोहन सिंह है एक समान

नई दिल्ली : एक मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एक जैसे है और वो है अमेरिकी संसद में दोनों का भाषण देना। दोनों ने अपने-अपने कार्यकाल में अमेरिका की संसद को संबोधित किया और दोनों ने ही अपने पूर्व पीएम का नाम भाषण में नहीं लिया।

मोदी ने भी मनमोहन सिंह का नाम अपने संबोधन में नहीं लिया और न नही मनमोहन सिंह ने अपने संबोधन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम लिया था। हो सकता है इसका कारण एक-दूसरे का विपक्षी पार्टियों से जुड़ा होना हो।

जब कि भारत और अमेरिका के संबंधों में मजबूती लाने में मनमोहन और वाजपेयी दोनों ने अहम भूमिका निभाई थी। बुधवार को मोदी द्वारा दिए गए भाषण में सिंह के मुकाबले 15 फीसदी कम शब्दों का चयन किया गया था। हांला कि मोदी और मनमोहन ने अपने दलों के पीएम का जिक्र जरुर किया था।

दोनों ने ही भारतीय संविधान और अमेरिकी मूल्यों के बारे में बताने के लिए अलग-अलग व्यक्तित्व का चयन किया था। सिंह ने अपने भाषण में जवाहर लाल नेहरु तो मोदी ने भीमराव अंबेडकर के जरिए अपनी बातें कही। सिंह ने अपने भाषण में राजीव गांधी द्वारा 1985 में दिए गए भाषण का जिक्र करते हुए कहा था कि दो महान लोकतंत्र के तौर पर हम कई मामलों में स्वभाविक साझेदार है।

सिंह ने अपने भाषण में कुल 3,264 शब्दों का इस्तेमाल किया जब कि मोदी ने अपने भाषण में 2,754 शब्दों का इस्तेमाल किया। जहां सिंह ने तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश का कई बार नाम लिया था, वहीं मोदी ने बराक ओबामा का नाम कई बार लिया।

मोदी ने इतिहास के 8 व्यक्तित्व की चर्चा की, तो सिंह ने केवल 4 की। लेकिन मोदी और सिंह दोनों ने अपने बाषण में महात्मा गांधी और नॉरमन बोरलॉग का नाम लिया था।

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