यह हैं वह जीव जिनका रहस्य आज तक बना हुआ है

प्राचीन समय कि अगर बात करें तो रामायण, महाभारत और पुराणों में ऐसे कई पशु और पक्षी थे जो आज के सयम में सिर्फ कहानी किस्सों में ही सुनने को मिलते हैं आज के समय में इन जीवों का कोई भी अस्तित्व देखने को नहीं मिलता है। आज हम आपको इन्ही जीवों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका उल्लेख आज के समय में सिर्फ धर्मग्रन्थों में ही देखने को मिलता है। तो चलिए जानते हैं कि कौन से वह जीव हैं?

माना जाता है कि गिद्धों (गरूड़) की एक ऐसी प्रजाति थी, जो बुद्धिमान मानी जाती थी। ये भगवान विष्णु का वाहन है। कहा गया है कि ये एक शक्तिशाली, चमत्कारिक और रहस्यमयी पक्षी था। प्रजापति कश्यप की पत्नी विनता के दो पुत्र हुए- गरूड़ और अरुण। गरुड़ विष्णु की शरण में चले गए और अरुण सूर्य के सारथी हुए।

महाभारत में अर्जुन ने पाताल लोक की एक नागकन्या से विवाह किया था जिसका नाम उलूपी था। वह विधवा थी। अर्जुन से विवाह करने के पहले उलूपी का विवाह एक नाग से हुआ था, जिसको गरूड़ ने खा लिया था।अर्जुन और नागकन्या उलूपी के पुत्र थे अरावन जिनका दक्षिण भारत में मंदिर है और किन्नर उनको अपना पति मानते हैं। भीम के पुत्र घटोत्कच का विवाह भी एक नागकन्या से ही हुआ था जिसका नाम अहिलवती था।

समुद्र मंथन से एक गाय भी निकली थी जिसे कामधेनु कहा गया। पहले यह गाय जिसके भी पास होती थी उसे हर तरह से चमत्कारिक लाभ होता था। इस गाय के दर्शन से भी मनुष्य के हर काम सफल हो जाते थे। दैवीय शक्तियां प्राप्त कर चुकी कामधेनु गाय का दूध भी अमृत माना जाता था। ये जहां भी रहती थी वहां का ऐश्वर्य कभी खत्म नहीं होता था।

 

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