संयुक्त राष्ट्र 1945 की विश्व व्यवस्था का प्रतिनिधि बना हुआ है

नई दिल्ली : रविवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में सुधार किए जाने की मांग की। उन्होने ने कहा कि न तो भारत जैसे बड़े गणराज्य को और न ही सर्वाधिक देशों वाले महाद्वीप अफ्रीका को इसमें समुचित स्थान दिया गया है। सुषमा ने कहा कि यह आज भी 1945 की विश्व व्यवस्था का प्रतिनिधित्व कर रहा है। यह समझ के बाहर है कि अफ्रीका का यूएनओ में अब तक स्थाई सदस्य क्यों नही है। उन्होने यह भी कहा कि यह भी समझ के बाहर है कि सारी योग्यताँए पूरी करने के बाद भी भारत को सुरक्षा परिषद् की स्थायी सदस्यता क्यों नही दी जा रही है। इसके लिए मिलकर काम करना होगा और इसमे मीडिया को सहयोग करना होगा।    

सुषमा ने कहा कि 'पेरिस में जलवायु परिवर्तन और केन्या में विश्व व्यापार संगठन की मंत्रिस्तरीय बैठक होने वाली है। इन दोनों ही बैठकों में भारत, अफ्रीका व अन्य विकासशील देशों को एक साथ मिलकर काम करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे विकास के एजेंडे को कोई चोट न पहुंचे.'

सुषमा ने दोनों देशों के बीच के समाचार मीडिया और सूचना, संचार और मनोरंजन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी बल दिया। आपको बता दें कि तीसरा भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन सोमवार से शुरू होकर 29 अक्टूबर तक चलेगा।

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