यहाँ होती है बुलेट बाइक की पूजा और प्रसाद में परोसी जाती है शराब

जयपुर: देश में अजीबो-गरीब मंदिरों के कई किस्से तो हमने पढ़े ही हैं, लेकिन राजस्थान में एक ऐसा मंदिर है, जहां देवी-देवताओं की नहीं, बल्कि बुलेट बाइक की पूजा होती है। यहां के लोग मानते हैं कि ओम बन्ना और उनकी बाइक सड़क दुर्घटनाओं से उनकी रक्षा करते हैं, इसलिए यहां से गुजरने वाले सभी वाहन चालक स्व. ओम बन्ना और उनकी बाइक को धोक देकर (माथा टेककर) जाते हैं। जोधपुर पाली हाईवे पर पाली से लगभग 20 किलोमीटर दूर बुलेट बाबा या ओम बन्ना सा के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।

इसी मोड़ से रोज गुजरते थे ओम बन्ना ओम बन्ना उर्फ ओम सिंह राठौड़ पाली शहर के पास ही स्थित चोटिला गांव के रहने वाले थे। लगभग रोज रात को ही उन्हें पाली से गांव आना पड़ता था और वो भी अपनी पसंदीदा बुलेट बाइक पर, जो उनकी दोस्त भी थी और हमसफर भी। उनके पिता ठाकुर जोग सिंह राठौड़ हमेशा नसीहत देकर अपने जवान बेटे को भेजते थे और पत्नी शुभकामनाएं। क्योंकि यह खूनी मोड़ उनके रास्ते का हिस्सा था, जहां बहुत ज्यादा दुर्घटनाएं होती थीं।

1991 की गर्मियों की एक रात जब वे अपनी बुलेट मोटर साइकिल पर गांव जा रहे थे तो उन्हें लगा कि सड़क पर कोई आकृति है, तभी उनकी बाइक एक ट्रक में जा घुसी और इस हादसे में उनका निधन हो गया। हादसे के बाद पुलिस वाले इस मोटर साइकिल को थाने ले आए लेकिन दूसरे दिन सुबह ही थाने से यह मोटर साइकिल गायब हो गई। तलाश करने पर मोटर साइकिल उसी दुर्घटना स्थल पर ही पाई गई।

हर बार बाइक अपने आप पहुंच जाती उसी जगह पर कहा जाता है कि पुलिसकर्मी कई बार मोटर साइकिल को दुबारा थाने लाए और यहां तक कि उसका पैट्रोल टैंक भी खाली किया, लेकिन हर बार यह मोटर साइकिल थाने से गायब हो दुर्घटना स्थल पर अपने आप पहुंच जाती। पुलिसकर्मियों ने सोचा कि बुलेट को घर ले जाएं, शायद वापिस न जाए। लेकिन अगली ही सुबह बुलेट उसी जगह पहुंच गई जहां एक्सिडेंट हुआ था। बाइक न सिर्फ उसी हाइवे पर पहुंची बल्कि उस रात कुछ और दुर्घटनाएं होने से बच गईं। अगली सुबह ट्रक चालकों ने बताया कि एक दो बार उन्हें भी उसी मोड़ पर आभास हुआ कि कोई है और वो ट्रक को सड़क से उतारते या किसी ओर तरफ मोड़ते, उससे पहले ही उन्हें बाइक की रोशनी में दिखा कि सड़क साफ है और वहां कुछ नहीं। वे आराम से सड़क से गुजर गए। वो बाइक उसी खूनी मोड़ के आसपास अक्सर देखी जाने लगी और एक्सीडेंट्स होने बंद हो गए।

वाहन चालक टेकते हैं माथा आखिर पुलिस कर्मियों व ओम सिंह के पिता ने ओम सिंह की मृत आत्मा की इच्छा समझ उस मोटर साइकिल को उसी पेड़ के पास रखवा दिया। लोगों ने उस स्थान पर चबूतरा बनवा कर ओम बन्ना का मंदिर बनवा दिया। यहां पर रोजाना बाकायदा पूजा की जाने लगी। कहा जाता है कि इसके बाद रात में कई वाहन चालकों को ओम सिंह ने दुर्घटना होने से बचाया। कई चालक दावा करते हैं कि उन्होंने ओम बन्ना को सड़क पर बाइक पर देखा है, जो उन्हें अक्सर दुर्घटना से पहले सावधान करते हैं। यहां से गुजरने वाले चालक इस स्थान पर माथा टेककर ही गुजरते हैं।

ओम बन्ना करते हैं रखवाली बताया जाता है कि ओम बन्ना की रूह उस दुर्घटना संभावित जगह तक पहुंचने वाले वाहन को जबरदस्ती रोक देती या धीरे कर देती ताकि उनकी तरह कोई और वाहन चालक असामयिक मौत का शिकार न बने। रात में वाहन चालकों को ओम सिंह अक्सर वाहनों को दुर्घटना से बचाने के उपाय करते व चालकों को रात्रि में दुर्घटना से सावधान करते दिखाई देने लगे और यहां पर दुर्घटनाएं होनी बंद हो गई।

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