ज्योतिष ही नहीं बल्कि अन्य शास्त्रों में भी साधना और साधक के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। कहा गया है कि साधना मार्ग में जब साधक अग्रसर होता है तब शास्त्र भी पीछे रह जाता है। मौनतीर्थ गंगाघाट उज्जैन के परमपूज्य संत सुमन भाई मानस ने भी साधना मार्ग और साधक का विस्तार से वर्णन किया है। उनका कहना है कि साधना का मार्ग कठिन होता है लेकिन इस मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति परम तत्व को भी प्राप्त कर लेता है। साधक की साधना का प्रतिफल तभी प्राप्त होता है जब वह ईश्वर की भक्ति में लीन होकर सभी के कल्याण के निमित्त साधना कर्म करें। इसके अलावा उनका यह भी कहना है कि जो पौरूष और बल जीव को दीक्षित होने की दिशा में प्रवृत्त न करें उसे धिक्कार है। मौनतीर्थ गंगाघाट पर संतश्री के आशीर्वाद प्राप्ति के लिए लोगों का तांता लगा रहता है और लोग संतश्री के सुंदर वचनों से अभिभूत हो उठते है। निष्काम भजन से ही भगवान की प्राप्ति क्रोध मनुष्य का भारी बैरी है