फिर अमेरिकी मैगजीन 'टाइम' पर छाये मोदी, हुए भावुक

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी की जानीमानी मैगजीन 'टाइम' के कवर पेज पर छपे हैं. मैगजीन ने प्रधानमंत्री का लंबा इंटरव्यू भी छापा है. इस इंटरव्यू के दौरान अपने बचपन और गरीबी को याद कर प्रधानमंत्री भावुक हो गए और कहा कि गरीबी उनकी पहली प्रेरणा बनी. प्रधानमंत्री ने भारत-चीन संबंधों पर भी अहम बयान देते हुए तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि 25 साल से दोनों देशों के बीच एक गोली भी नहीं चली है. याद रहे कि प्रधानमंत्री एक हफ्ते बाद चीन दौरे पर रवाना हो रहे हैं.

मोदी ने 2 मई को इस मैगजीन के एडिटर नैंसी गिब्स, एशिया के एडिटर जोहर अब्दुल करीम और साउथ एशिया के ब्यूरो चीफ निखि‍ल कुमार को दो घंटे लंबा इंटरव्यू दिया था. खास बात यह है कि मोदी ने अपने इंटरव्यू के ज्यादातर हिस्से में हिंदी में ही जवाब दिए.

प्रधानमंत्री ने क्या-क्या कहा:-

आतंकवाद से कैसे निपटा जाये :- हमें आतंकवाद को नेमप्लेट्स से नहीं देखना चाहिए कि कौन सा संगठन आतंक से जुड़ा है, वो कौन से देश के हैं, पीडि़त कौन हैं. ये संगठन और नाम तो बदलते रहेंगे. आज हम तालिबान और ISIS को देख रहे हैं. कल आप शायद कोई दूसरा नाम देखेंगे.

कैसे देखते हैं अमेरिका को :- हम प्राकृतिक सहयोगी है. भारत अमेरिका के लिए क्या कर सकता है और अमेरिका भारत के लिए क्या कर सकता है. हमें यह देखना है कि भारत और अमेरिका एक साथ मिलकर दुनिया के लिए क्या कर सकते हैं... हमें सब जगह लोकतांत्र‍िक मूल्य मजबूत करने हैं.

चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों पर:- लगभग तीन दशक हो चुके हैं और भारत-चीन बॉर्डर पर शांति कायम है. लगभग 25 सालों से दोनों तरफ से एक गोली तक नहीं चली है. दोनों देशों ने जबरदस्त परिपक्वता दिखाई है और आर्थ‍िक सहयोग के लिए भी प्रतिबद्धता भी.

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