भारत की वायु गुणवत्ता के लिए विश्व बैंक का नया कार्यक्रम

वाशिंगटन: विश्व बैंक के नए कार्यक्रम में भारत, चीन, मिस्र, नाइजीरिया और दक्षिण अफ्रीका के पांच प्रमुख शहरी क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर ध्यान दिया जाएगा। इस कार्यक्रम की शुरुआती लागत लगभग 4.5 करोड़ डॉलर है। विश्व बैंक द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, प्रदूषण प्रबंधन एवं पर्यावरणीय स्वास्थ्य (पीएमईएच) कार्यक्रम से अगले पांच वर्षो में इन शहरों के लगभग 15.0 करोड़ लोगों के लिए पर्यावरणीय स्वास्थ्य स्थितियों में सुधार हो सकता है। 

'पीएमईएच' एक नया बहुदाता ट्रस्ट फंड है, जो अन्य देशों और सब-सहारा अफ्रीकी शहरों को भी मदद पहुंचाएगा। इसका उद्देश्य भूमि और जल प्रदूषण को कम करना है। प्रदूषण से प्रतिवर्ष 90 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है, जिनमें से अधिकतर लोग विकासशील देशों से हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, 2012 में ही अनुमानित रूप से 70 लाख लोगों की अंदरूनी और बाहरी वायु प्रदूषण से संबंधित बीमारियों से मौत हुई है।

अमेरिका में वॉशिंगटन डीसी स्थित राष्ट्रीय मॉल में शनिवार को आयोजित 'ग्लोबल सिटीजन 2015 अर्थ डे' कार्यक्रम में प्रदूषण समाप्त कर लोगों के स्वास्थ्य में सुधार करने की प्रतिबद्धता के साथ विभिन्न देशों के सरकारी अधिकारियों ने दुनिया भर के संगीतज्ञों के साथ हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में चीन और अमेरिका के संगीतज्ञों ने स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रदूषण समाप्त करने के लिए संगीत प्रस्तुति भी दी।

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