स्वदेशी तकनीक से विकसित क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण

तिरूनेलवेली : जिले के महेंद्रगिरी क्षेत्र में इसरो के संचालन परिसर में स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण किया गया। क्रायोजेनिक इंजन के परीक्षण के लिए अध्यक्ष एएस किरनकुमार महेंद्रगिरि पहुंचे और उन्होंने परीक्षण को शाम साढ़े चार बजे प्रारंभ किया। भारत की 4 टन वजन वाले उपग्रहों को भूस्थतिक कक्षा में स्थापित करने के लिए सहायता करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए इसे गौरवपूर्ण अवसर बताया है। उल्लेखनीय है कि यह परीक्षण एमके 3 प्रक्षेपण यान को विकसित करने में कारगर कदम उठाएगा। मिली जानकारी के अनुसार क्रायोजेनिक इंजन के शक्तिशाली प्रारूप् का तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र में जमीनी परीक्षण किया गया। तिरूवनंतपुरम में मौजूद विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के वैज्ञानिकों ने बताया क परीक्षण 635 सेकंड के लिए हुआ। बाद में यह जानकारी मिली कि यह बेहद सफल रहा।

मिली जानकारी के अनुसार क्रायोजेनिक इंजन के शक्तिशाली प्रारूप का तरल प्रणोदन प्रणाली केंद्र में सफल जमीनी परीक्षण किया गया। इस सफलता को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में इस बात का उल्लेख किया कि स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के सफल परीक्षण के लिए कहा गया है कि अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को शुभकामनाऐं। उन्होंने कहा कि जिस इंजन का परीक्षण किया गया, वह 4 टन तक के उपग्रहों को भूस्थतिक कक्षा में पहुंचाने में सहायक होगा।

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