भाई-बहन ने स्काॅलरशिप के पैसो से बनवाया शौचालय

सफाई हमारे जीवन में कितना जरुरी है ये सभी जानते है । लेकिन समाज में स्वच्छता के लिए प्रयास अपने स्तर पर बहुत कम होते है लेकिन समाज में स्वच्छता के महत्व को देने का काम अगर बच्चे करे तो एक अनोखी बात है। ये मामला मध्यप्रदेश के नरसिंगपुर जिले के मुस्लिम भाई-बहन का है।  मुस्लिम भाई-बहन ने स्वच्छता के लिए एक मिसाल पेश की है। इन्हें अल्पंसख्यक समुदाय की स्कॉलरशिप के पैसे मिले थे। इन्होनेे 2000 रुपये बचा लिए जो मध्यप्रदेश के नरसिंगपुर जिले के लड़कियों के एक स्कूल को शौचालय बनाने के लिए दी है।

स्कूल में अभी केवल एक शौचालय है

अपने बच्चों की इस पहल को देखकर  उनके पिता ने भी स्कूलों को 14,500 रुपये का योगदान दिया। भाई आमिर खान की उम्र महज 14 साल है। वह दसवीं कक्षा में पढ़ता है। बहन मेमूना खान 16 साल की है। मेमूना 11वीं कक्षा में पढ़ती है। मेमूना कहती है कि महारानी लक्ष्मी बाई हाइयर सेंकेंडरी स्कूल में केवल एक शौचायल है। लड़कियां आधे-आधे घंटे तक लाइन लगाकर शौचालय का इस्तेमाल करती हैं। आमिर कहता है कि जब मेरी बहन ने मुझे बताया तो हम दोनों ने अपनी स्कॉलरशिप से कुछ पैसे जोड़ने शुरू किए। हमारे पास 10 हजार रुपये थे। इसमें दो हजार अलग निकाले गए। वहीं, स्कूल की एक शिक्षिका ने बताया कि  शौचालय बनाने का काम शुरू हो चुका है।शौचालय का नहीं बनने का कारण ये है कि स्कूल पैसे की तंगी से जूझ रहा था।

शौचायल  बनवाने से पहले भी मेमूूना ने साल 2011 में अपने स्कूल की ओर आने वाली सड़क को बनवाने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखा था। उसने अपने संबोधन में सीएम को मामाजी कहा था। पत्र का जबरदस्त असर हुआ था। कुछ समय में मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सड़क बनाने के निर्देश जारी हुए थे। सीएम ने खुद से फंड आवंटित कर दिया था। उन्होंने कहा सार्वजनिक तौर पर मेमूना के पत्र पर कहा था कि भांजियों की बात कैसे टाल सकता हूं?

बच्चों के इस प्रयास की सब ही प्रशंसा कर रहे है लेकिन क्या जिम्मेदार लोग इससे कुछ प्रेरणा लेगे?

 

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