मिड डे मील खाने से 23 बच्चो की मौत के मामले में अदालत ने तत्कालीन प्रधानाध्यापिका को पाया दोषी

छपरा: बुधवार को  सारण जिले की एक अदालत ने तीन साल पुराने धर्मसती गंडामन स्कूल में मिड डे मील खाने के बाद 23 बच्चों की मौत के मामले में स्कूल की तत्कालीन प्रधानाध्यापिका मीना देवी को दोषी करार दिया है. वही उनके पति अर्जुन राय को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.

बहुचर्चित मिड डे मील हादसा मामले में छपरा व्यवहार न्यायालय के जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय आनंद तिवारी ने मीना देवी को आईपीसी की धारा 304 और 308 के तहत दोषी करार दिया जबकि उनके पति अर्जुन राय को साक्ष्य के आभाव में बरी कर दिया. लोक अभियोजक सुरेंद्र सिंह ने बताया कि इस मामले में अदालत 29 अगस्त को सजा सुनाएगी. इससे पूर्व 11 अगस्त को इस मामले में अंतिम जिरह हुई थी. उल्लेखनीय है कि करीब तीन साल पूर्व 16 जुलाई 2013 को मशरक प्रखंड के धर्मसती गंडामन स्कूल में मिड डे मील खाने के बाद 23 बच्चों की मौत हो गई थी. इस मामले में एक रसोइया व 24 बच्चे एक माह तक पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में इलाजरत रहे थे.

मृतक आशीष के पिता अखिलानंद मिश्र के बयान पर धर्मसती गंडामन स्कूल की तत्कालीन प्रधानाध्यापिका मीना देवी और उनके पति अर्जुन राय के खिलाफ मशरक थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इस मामले में 30 जुलाई को सरकार ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया. घटना के सात दिनों बाद एसआईटी ने मीना देवी को गिरफ्तार कर लिया था जबकि अर्जुन राय ने अदालत में आत्मसमर्पण किया था.

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