इस शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही बाबा भोलेनाथ की कृपा सदैव बनी रहती है

पारद यानी 'पारा' से निर्मित शिवलिंग को सर्वश्रेष्ठ शिवलिंग माना जाता है। वहीं धर्मशास्त्रों में भी पारद शिवलिंग साक्षात भगवान शिव का ही रूप माना गया है। इसकी पूजा करने से हर मनोकामनाएं पूरी होती हैं। रायपुर के सुमेरु मठ में एक ऐसा ही मंदिर है, जहां पारे से निर्मित शिवलिंग के रूप में 'रसेश्वर महादेव' स्थापित हैं। पवित्र माह सावन में यहां शिव भक्तों का तांता लगा रहता है। मान्यता है कि इस शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही बाबा भोलेनाथ की कृपा सदैव बनी रहती है।   14 वर्षों से जल रही है धुनी

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह आसपास के क्षेत्रों में एक मात्र पारे का शिवलिंग है। यहां बाबा औघडऩाथ की गद्दी लगी हुई है। 14 वर्षों से यहां अखंड धुनी जल रही है, जिसमें नियमित रूप से अग्निहोत्र संपन्न होता है। यहां की संचालन व्यवस्था बाबा औघडऩाथ के शिष्य संभाले हुए हैं। 

रात में होता है भंडारा

हर माह यहां 'खिचड़ी का प्रसाद' रात्रिकालीन भंडारा होता है, जिसमें गरीबों को ही नहीं बल्कि गाय, कुत्ता, नंदी, सूअर सहित अन्य जानवरों को भी खिचड़ी का प्रसाद वितरित किया जाता है। इसके अलावा शहर भर में भंडारा किया जाता है।

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