चीनी उत्पादों के बहिष्कार से चमका मूर्ति बाजार

नई दिल्ली : भारत में दीपावली से पहले चीनी सामान का बहिष्कार करने और स्वदेशी अपनाने के आव्हान का असर साफतौर पर दिखाई देने लगा है. देशवासियों की भारतीयता से ड्रैगन का दम निकलने लगा है. इस बार हवा का रुख बदला हुआ है. बाजार में चीन से आने वाली भगवान की मूर्तियों की जगह भारतीय मूर्तिकारों द्वारा तैयार मूर्तियां खूब बिक रही हैं. चीन की मूर्तियों की मौजूदगी न के बराबर है.

बता दें कि सर्जिकल स्ट्राइक ने बाद से चीन द्वारा पाक का समर्थन किये जाने औए एनएसजी में भारत का विरोध किये जाने से नाराज देशवासियों का रुख इस बार बदला हुआ है. पहले ग्राहक कम कीमत वाली चीनी सामान की मांग करते थे लेकिन इस बार दिवाली से पहले भारत में बनी भगवान की मूर्तियों की बिक्री ज्यादा है.

खास बात यह है कि दिल्ली के बाजार में पंखा रोड, बुराडी, सुल्तानपुरी आदि इलाकों से बनकर आने वाली भगवान की मूर्तियों की चीनी मूर्तियों के मुकाबले बिक्री बहुत ज्यादा हो रही है. मुख्य रूप से गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियों की खासी मांग रहती है लेकिन इनके अलावा भी शिव, पार्वती, कृष्ण आदि देवी देवताओं की मूर्तियां भी पसंद की जा रही है. चीनी उत्पादों के बहिष्कार अभियान से स्पष्ट है कि अब भारतीय ग्राहकों को भी चीनी उत्पादों में कोई खास रुचि नहीं रह गई है.

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