168 घंटे बाद 105 वर्षीय बुजुर्ग को मलबे से निकाला

काठमांडू : नेपाल में बीते सप्ताह आए विनाशकारी भूकंप से बड़े पैमाने पर लोगों को नुकसान उठाना पड़ा, जहां कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है वहीं भूकंप की त्रासदी में जमींदोज हो चुके भवनों के मलबे से जिंदगी की तलाश अभी भी जारी है। ऐसा ही एक प्रयास उस वक्त रंग लाया नुवालकोट के किमतांग गांव में फंचू घले को बचा लिया गया। इस बुजर्ग के मलबे से जिंदा निकलने के बाद इसके परिजन खुश हो उठे। 105 वर्ष के बुजुर्ग को सुरक्षित निकाल लिया गया।

168 घंटे बाद सुरक्षित तरीके से निकाले गए बुजुर्ग को देखकर उसके परिजन खुश हो उठे। बुजुर्ग को सकुशल देखकर उनकी आंखों से बहने वाले आंसू निकलने का नाम नहीं ले रहे थे। नुवाकोट के किमतांग गांव में फंचू घले को नेपाल आर्मी द्वारा बाहर निकाला गया। फंचू को निकाले जाने के बाद अस्पताल में भर्ती करवाकर जांच की गई। फंचू दूसरी बार भाग्यशाली रहे। वर्ष 1934 में आए भूकंप को भी फंचू अपनी आंखों से देख चुके थे।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनी एक रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि भूकंप के कारण नेपाल में अब तक 160786 मकान जमींदोज़ हो गए। यह आंकड़ा 1934 में आए भूकंप से दुगना माना गया। दूसरी ओर रविवार को फिर से भूकंप आने से लोग घबरा गए हालांकि इस बार आए आफ्ट शाॅक्स में किसी के नुकसान की सूचना नहीं है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्कैल पर 4.5 मैग्निट्यूड आंकी गई।

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