पठानकोट हमले के आतंकी ने अपनी माँ से क्या कहा था आप भी जानिए...

पठानकोट : पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकवादी घटना के बाद एक बात सभी के सामने आई है वह यह है की एक आतंकी जिसका नाम नासिर है उसने 1 जनवरी को सुबह 9.20 पर एक फोन कॉल की थी। सुरक्षाकर्मियों ने बताया कि आतंकी नासिर ने यह फोन उनके द्वारा अगवा किये गए गए जूलर राजेश वर्मा के मोबाइल फोन से की थी तथा पता चला है कि इसमें इस आतंकवादी नासिर ने यह फोन पठानकोट एयरबेस में छिपकर पाकिस्तानी फोन नंबर +923000957212 पर की थी।

अपनी इस चर्चा में आतंकवादी नासिर ने अपनी माँ के साथ साथ अपने भाई बाबर व चाचा के साथ बातचीत करी थी तथा हम उसकी बातचीत के कुछ प्रमुख अंश बता रहे है कि किस प्रकार से इस आतंकी नासिर ने फोन पर भारत के खिलाफ अपना जहर उगला था:-  

नासिर- शशशश. अस्सलाम-ओ-अलैकुम। नासिर बोल रहा हूं। चाचा- वालैकुम सलाम। कहां हो? महफूज हो? नासिर- मैं दूसरे मुल्क में हूं। अम्मी कहां है? चाचा- लो, बात करो। मां- मेरे बेटे, कहां हो तुम? ठीक तो हो ना? नासिर- हम हिंदुस्तान में हैं। तुम्हारे बेटे ने दो काफिरों को मार दिया है, उनका गला रेतकर। अब हम आखिरी हमले के लिए तैयार हैं। दूसरे लोग पकड़े जाने से खौफजदा थे, मैंने उनसे कहा हिंदुस्तान से डरने की जरूरत नहीं। मां- तू जांबाज है। बहादुर है। अल्लाह तुझे जन्नत बख्शे! नासिर- मैंने वही जैकेट पहना है जो तूने मेरे लिए सिला था। अब यही मेरा कफन बनेगा। मां- पर तुम हिंदुस्तान में दाखिल कैसे हुए? नासिर- हम बड़ी एसयूवी गाड़ियों से आए। लैंडक्रूजर ने हमें बॉर्डर तक पहुंचाया। मां- तुम्हारे पास खाने को कुछ था? नासिर- कुछ मेवे और चॉकलेट, बस। मां- क्या तुमने काफिरों को मारा? नासिर- अभी तो मैं तफ्सील से नहीं बता सकूंगा। ये हमारी आखिरी गुफ्तगू होगी। मैं चाहता हूं कि तुम इसे रिकॉर्ड कर लो। मां- मुझे रिकॉर्ड करना नहीं आता। नासिर- बाबर को आता है, कैसे करते हैं। (रेकॉर्डर ऑन होता है और बाबर फोन पर आता है) नासिर- बाबर। जब उस्ताद मेरी शहादत की खबर दें तुम सब एक दावत रखना।

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