तेरी सूरत शराब लगती है

हेड्स आया तो रम,

टेल आया तो व्हिस्की,

जमीं पर खड़ा रहा तो देसी,

और जमीं पर गिरे ही ना तो,

माँ कसम 31st से दारू बंद।

जाने क्यों मुझे तू शराब लगती है।

जाने क्यों मुझे तू शबाब लगती है।

में पीयू या न पीयू,

तेरी गली में हमेशा ही लड़खड़ाता हु।

क्यों की तेरी सूरत ही मुझे शराब लगती है।

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