तेरा वो शब्द कहाँ से लाऊँ

मिटा सके जो दर्द तेरा वो शब्द कहाँ से लाऊँ चूका सकूँ जो अहसान तेरा वो प्राण कहाँ से लाऊँ खेद हुआ आज हमें लेख से क्या होने वाला लिख सकूँ जो भाग्य तेरा वो हाथ कहाँ से लाऊँ देखे जो हालात ये तेरा छलनी हुआ कलेजा मेरा रोक सके अश्क जो मेरे वो नेन कहाँ से लाऊँ खामोशी इतनी है क्यों क्या गूंगे बहरे हो गए हो सुना सकूँ जो हालात तेरी वो जुबां कहाँ से लाऊँ

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