सपनों की ’तेजस’ का करना होगा अभी और इंतजार

नई दिल्ली: केन्द्र की मोदी सरकार ने जहां देश में विभिन्न ड्रीम प्रोजेक्टों को पूरा करने का बीड़ा उठाया है वहीं बुलेट और तेजस जैसी रेलों को भी पटरियों पर दौड़ाने का भी स्वप्न मोदी सरकार का रहा है। बुलेट रेल का तो पता नहीं, लेकिन तेजस को पटरियों पर दौड़ाने की जरूर तैयारियां की जा  रही है, परंतु अभी इसके लिये थोड़ा ओर इंतजार करना होगा। बताया गया है कि तेजस आगामी वर्ष के फरवरी माह तक ही चल सकेगी।

गौरतलब है कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अत्याधुनिक रेलों को चलाने का ऐलान अपने रेल बजट में किया था। जिन नई रेलों के सपनों का तानाबाना प्रभु ने बुना है उनमें उदय, हमसफर ओर अंत्योदय के साथ ही तेजस भी शामिल है, लेकिन तेजस के माॅडल कोच को रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने इसलिये दरकिनार कर दिया, क्योंकि इसमें वह सब उन्हें नहीं दिखाई दिया, जिसकी कल्पना प्रभु ने की थी। लिहाजा अधिकारियों ने फिर से इसे तैयार करने के लिये इंजीनियरों को कहा है। बताया गया है कि तेजस का माॅडल कोच कपूरथला स्थित रेलवे फैक्टरी में तैयार किया गया था, परंतु अब फिर से इंजीनियर कोच को तैयार कर रेलवे बोर्ड अधिकारियों के सामने पेश करेंगे। अधिकारियों के अनुसार कोच के माॅडल में कोई नयापन नहीं है और यह साधारण कोच की तरह ही बनाया गया था।   यह सुविधा होगी तेजस में  बताया गया है कि तेजस में न केवल वह सभी आधुनिक सुविधायें यात्रियों को मिल सकेगी, जो किसी विदेशी रेल में होती है। इसके अलावा यह रेल स्वचलित गेट वाली तो रहेगी वहीं शौचालय में हाथों को सुखाने के लिये ड्रायर मशीन का भी उपयोग यात्री कर सकेंगे। इसके अलावा यात्रियों को ट्रेन की गति के साथ ही आने वाले स्टेशन की भी जानकारी मिलती रहेगी।

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