चेला पड़ा गुरु पर भारी

एक गुरु और चेला समंदर के किनारे टहल रहे थे, वहां उन्होंने एक बोर्ड देखा जिस पर लिखा था -“डूबते हुए को बचाने वाले को 500 रुपए का इनाम दिया जाएगा.” बोर्ड पढ़ते ही गुरु को एक आईडिया सूझा।

उसने चेले से कहा- “मैं समंदर में कूद जाता हूं और मदद के लिए चिल्लाता हूं, तुम मुझे बचा लेना, जो 500 रुपए मिलेंगे उसमें से 100 तुझे दूंगा … ठीक है ?”

चेला-“केवल 100 ? … 50% करिये ना ?”

गुरु-“100 रुपये से एक पैसा ज्यादा नहीं दूंगा … आईडिया मेरा है कि तेरा ?….चुपचाप जैसा मैं कहता हूं वैसा कर !” और गुरूजी समंदर में कूद कर मदद के लिए चिल्लाने लगे.

चेला आराम से बैठकर देखता रहा, उसे यूं बैठे देखकर गुरूजी बोले – “अबे अब आता क्यों नहीं मुझे बचाने ? मुझे सचमुच तैरना नहीं आता !”

चेला-“गुरूजी आपने बोर्ड ध्यान से नहीं पढ़ा … नीचे लिखा है - “लाश निकालने वाले को 5000 रुपए का इनाम दिया जाएगा … !!!”

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