केंद्र सरकार से तेदेपा की बढ़ी तकरार

नई दिल्ली : जिस दिन से तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने मोदी सरकार के समक्ष आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जा देने की मांग की है , तब से दोनों दलों की बीच की दूरियां बढ़ती जा रही है .केंद्र सरकार के इंकार के बाद अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि चंद्रबाबू नायडू मोदी सरकार पर दबाव बनाने के लिए केंद्र सरकार से अपने मंत्रियों का इस्तीफ़ा भी करा सकते हैं.

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए इसलिए तैयार नहीं है,क्योंकि इसमें कई क़ानूनी पेचीदगियां हैं.हालाँकि केंद्र विजयवाडा और विशाखापट्टनम के लिए मेट्रो रेल प्रोजेक्ट को भी मंज़ूरी देने को तैयार है.लेकिन तेदेपा इससे संतुष्ट नहीं है.टीडीपी की मांग है कि मोदी सरकार उस वादे को पूरा करे जो आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय तत्कालीन सरकार ने किया था.

सरकार की मुसीबत यह है कि वह टीडीपी की मांग को इसलिए नहीं मान सकती, क्योंकि किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए नियमों में बदलाव करने पड़ेंगे.  टीडीपी की मांग को मंजूर लिया तो बिहार, झारखंड जैसे अन्य राज्य भी ऐसी मांग करेंगे जो मोदी सरकार के लिए मुश्किल का विषय है.तेदेपा ने जिस तरह से संसद में प्रदर्शन किया है और  शिव सेना का समर्थन मिलने के बाद स्थितियां तनावपूर्ण होती जा रही है.ऐसे में बड़ी बात नहीं कि केंद्र पर दबाव बनाने के लिए चंद्रबाबू नायडू अपने मंत्रियों का इस्तीफ़ा दिलवा दें.  तेदेपा की तकरार और राजग सदस्य हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के एनडीए से अलग हो जाने से पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के सामने राजग दलों को चुनाव तक एकजुट रखने की चुनौती बढ़ गई है.

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