जज के कपड़े धोने से इंकार करने पर महिला कर्मी को भेजा लीगल नोटिस

इरोड ​: इरोड कोर्ट में एक अजीब मामला सामने आया है। एक जज ने अपने कर्मचारी को लीगल नोटिस भेजकर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात कही है। कहा जा रहा है कि इसका कारण कर्मचारी द्वारा जज के कपड़े धोने से इंकार करना है। जस्टिस डी सेल्वम इरोड कोर्ट में सबॉर्डिनेट जज है। उन्होने 47 वर्ष की एक ऑफिस असिस्टेंट से अपना अंडरगारमेंट धोने को कहा। जब इम्प्लॉय ने इससे इंकार किया, तो उसे लीगल नोटिस भेजा गया। उनसे कहा गया है कि वो इसके लिए माफी मांगे औऱ यकीन दिलाए कि वो ऐसा दोबारा नहीं करेंगी।

नोटिस में उनसे पूछा गया है कि वो बताएं कि अंडरवियर न धोने पर उनके खिलाफ लीगल एक्शन क्यों न लिया जाए। आपने क्यों अंडरवियर फेंक दी और जब आपसे जज की पत्नी ने इस बारे में पूछा, तो आपने खराब तरीके से जवाब दिया। इस पर जज सेल्वम का कहना है कि उन्होने कोई गलती नहीं की है, उन्हें एक ऑफिसर के असिस्टेंट के पोस्ट पर अप्वाइंट किया गया है। उन्होने कहा कि मैंने उसे धोने के लिए बनियान दी थी, अंडरवियर नहीं।

महिला कर्मचारी के एक करीबी ने बताया कि उसे बतौर असिस्टेंट कोर्ट में रखा गया था, लेकिन उससे जबरन जज के घर पर झाड़ु, पोंछा और खाना बनवाया जाता है। उसकी दो बेटियां है और वो घर में इकलौती कमाने वाली है। महिला के साथवालों का आरोप है कि जस्टिस सेल्वम की पत्नी ने अंडरवियर धोने से इनकार करने पर महिला को प्रताड़ित किया और अपशब्द कहे।

महिला कर्मचारियों ने कहा कि कई जज अपने आपको महाराजा मानते हैं और अपने इम्प्लॉइज के साथ गुलामों जैसा सुलूक करते हैं।

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