तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को बताया निराधार

नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी हत्याकांड को लेकर दोषियों को रिहा करने के निर्णय को राजनीतिक कहे जाने के बाद तमिलनाडु सरकार ने निराधार बता दिया है। हालांकि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की इस बात का निवेदन किया कि वह जानना चाहती है कि केंद्र में यूपीए सरकार थी इस दौरान दोषियों की दया याचिकाओं पर निर्णय लेने में देरी कर दी गई। इस कारण उनकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया।

विपक्ष ने इस संबंध में किसी तरह का विरोध नहीं किया। मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यों की संविधान पीठ द्वारा तमिलनाडु सरकार द्वारा वरिष्ठ एडवोकेट राकेश द्विवेदी द्वारा कहा गया कि यूपीए - वन और यूपीए - 2 ने 10 साल के अपने कार्यकाल में राजीव गांधी के हत्यारों को फांसी दी गई। यही नहीं इस बात को नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता है कि विपक्ष द्वारा आपत्ति नहीं ली गई।

संविधान बेंच राजीव गांधी हत्याकांड के 7 दोषियों की उम्र कैद की सजा माफ कर उन्हें रिहा करने का जो निर्णय लिया गया आखिर राजीव गांधी के हत्यारों को फांसी क्यों नहीं दी गई। इसे नकारा नहीं जा सकता लेकिन विपक्ष द्वारा भी इस बात पर विचार नहीं किया गया। संविधान की बेंच राजीव गांधी हत्याकांड के 7 दोषियों को उम्र कैद की सजा माफ कर रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के निर्णय का विरोध किया गया और केंद्र की याचिका की विचारणीयता पर सुनवाई की गई।

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